Monday, February 1, 2010

शिवराज की प्रशंसनीय पहल

मध्यप्रदेश अपनी नैर्सिर्गक संपदा तथा सांस्कृतिक वैविध्य के लिए विशेष पहचान रखता है। लेकिन यह भी सच है कि इसी वैविध्य को क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए कुछ राजनीतिक नेताओं एवं दलों ने जब तब इस्तेमाल किया है जबकि यह प्रदेश की अनेकता एवं एकता का माध्यम बनना चाहिए था। इस सिलसिले में गणतंत्र दिवस से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा शुरू कई मध्यप्रदेश बनाओ यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा सकती है। उनका यह अभियान प्रदेश की एकजुटता एवं समृद्धि को पारस्परिक रूप से गूंथने का प्रयास ही है। इस मामले में यात्रा की शुरुआत के लिए स्थान का चयन भी काफी सूझबूझ भरा है। मंडला का अपना एक गौरवशाली इतिहास है। इसकी मिट्टïी में आजादी की सुगंध घुली हुई है। गढ़ मंडले की रानी दुर्गावती की बहादुरी की गाथाएं यहां के पत्थरों पर अंकित हैं। गोंड़ राजाओं का यह राज्य उनके ऐतिहासिक वैभव का परिचायक है। लेकिन इस क्षेत्र में वैगा जनजाति की काफी बड़ी आबादी है। किसी भी प्रदेश को उसका सांस्कृतिक स्वाभिमान तथा सांस्कृतिक एकजुटता ही समृद्धि की राह पर ले जाती है। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश बनाओ यात्रा में इन्हीं उपादानों को अपना जरिया बनाया है। उन्होंने मध्यप्रदेश की संस्कृति की अजस्र धारा की प्रतीक जीवनदायिनी नर्मदा के उद्गम तीर्थ अमरकंटक पर मां नर्मदे की पूजा अर्चना कर इसे अनूठी शुरुआत दी और लोकतंत्र की भावना के अनुरूप जनता को विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों में सीधी भागीदारी का आमंत्रण दिया। इस मौके पर नर्मदा को प्रदूषण मुक्त करने के अभियान में उन्होंने भागीदारी की और अमरकंटक विकास प्राधिकरण बनाने की घोषणा की। उन्होंने जब यह आव्हान किया कि जनता को खुद अपने परिवार, गांव और प्रदेश की जरूरत समझ कर उसमें आगे आकर सहयोग करना होगा तो वे प्रकारांतर से इस अभियान को लोकतंत्र का यज्ञ बनाने की ही पहल कर रहे थे। स्वच्छता, पर्यावरण, नशामुक्ति, जल संचय जैसे आम आदमी के दूरगामी हित के कार्यों में उन्होंने जनता से सक्रिय भागीदारी करने का आव्हान किया जो लोकतंत्र में उनकी गहन आस्था को ही दर्शाता है। लेकिन साथ ही प्रदेश को भूमाफिया सहित सभी प्रकार के माफियाओं से निजात दिलाने एवं वर्ष 2013 तक प्रदेश के सभी गांवों को बारहमासी सड़कों से जोडऩे जैसे उनके संकल्पों ने यह भी जताया कि सरकार खुद भी मध्यप्रदेश बनाओ अभियान में अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने वाली नहीं है। मुख्यमंत्री का यह अभियान एक अच्छी शुरुआत है जिसे यदि सुदृढ़ कदमों के साथ आगे बढ़ाया जाए तो यह प्रदेश के विकास में दूरगामी भूमिका निभा सकता है लेकिन सवाल यही है कि क्या नौकरशाही एवं समूची सरकार इसमें अपनी भूमिका समुचित तरीके से निभाएगी और क्या सरकार इस पर समुचित नियंत्रण रख पाएगी। - सर्वदमन पाठक

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