Thursday, July 1, 2010
आतंकवाद की फैलती विषबेल
भाजपा केंद्र की कांग्रेस नीत सरकार पर यह आरोप लगाती रही है कि वह आतंकवाद पर अंकुश लगाने में असफल रही है लेकिन सच तो यह है कि भाजपा शासित राज्य सरकारें खुद भी आतंकवाद की विषबेल को फैलने से रोकने में नाकाम रही हैं। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में 13 आतंकवादियों की धरपकड़ इस बात का स्पष्टï प्रमाण है। इन आतंकवादियों के पास से काफी उत्तेजक आतंकवादी साहित्य तथा सीडी मिली है जिससे यह सिद्ध होता है कि वे इस क्षेत्र में लोगों ं को धार्मिक रूप से भड़काने की साजिश के तहत शाजापुर आये थे। ये सभी आतंकवादी उत्तरप्रदेश से आए थे जहां के कई जिले आजकल आतंकवाद की नर्सरी के रूप में जाने जाते हैं। गौरतलब है कि शाजापुर का नाम हाल की कई बड़ी आतंकवादी वारदातों मेें आता रहा है। अक्षरधाम मंदिर पर हमला, मालेगांव बम ब्लास्ट तथा हैदराबाद बम ब्लास्ट के तार शाजापुर से जुड़े पाये गए थे। दरअसल सिर्फ शाजापुर ही नहीं बल्कि प्रदेश में मालवा क्षेत्र पिछले कई सालों से आतंकवादियों की शरणस्थली के रूप में बदनाम रहा है और इस क्षेत्र में सिमी के नेटवर्क की मौजूदगी कोई छिपी हुई बात नहीं रही है। अतीत में पकड़े गए सफदर नागौरी जैसे सिमी से जुड़े कई कुख्यात आतंकवादी इस क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। शाजापुर में अन्य प्रदेशों के आतंकवादियों का ठहरना इस बात की पुष्टिï करता है कि इस क्षेत्र को आतंकवादी काफी हद तक निरापद मानते हैं। इतना ही नहीं, मालेगांव बम ब्लास्ट जैसे घटनाओं से जरिए देश प्रदेश की शांति भंग करने का साजिश रचने के आरोपी भी मालवा क्षेत्र से ही पकड़े जा चुके हैं। राज्य सरकार बार बार यह घोषणा करती है कि वह प्रदेश से आतंकवादी गतिविधियों का सफाया करने के लिए कृतसंकल्प है लेकिन आतंकवादियों की मौजूदगी को उजागर करने वाली घटनाएं यही बताती हैं कि आज भी प्रदेश में ऐेसे तत्व मौजूद हैं जो आतंकवाद का जहर लोगों के दिलो दिमाग में बोने की साजिश में लगे हुए हैं और प्रदेश सरकार उन्हें खोज निकालने तथा सींखचों के पीछे भेजने में पूरी तरह सफल नहीं रही है। स्वाभाविक रूप से ये आतंकवाद के स्लीपिंग सेल के रूप में जहां तहां रह रहे हैं और अपने आतंकवादी मंसूबों को अंजाम देने के लिए अनुकूल वक्त के इंतजार में हैं। इन्हें यदि आतंकवाद का टाइम बम कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकार आतंकवाद के सफाये का इरादा रखती है और इस दिशा में सरकार ने छिटपुट कार्रवाई भी की है लेकिन इस जंग में निरंतरता का अभाव स्पष्टï रूप से परिलक्षित होता है। यदि राज्य सरकार प्रदेश में आतंकवाद को जड़ मूल से खत्म करना चाहती है तो उसे इसके खिलाफ निर्णायक जंग छेडऩी होगी। -सर्वदमन पाठक
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