शर्म के ये आंकड़े
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार बलात्कार की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। 1971 में बलात्कार के कुल 2043 मामले रिकार्ड किये गए थे जबकि 2011 में इनकी संख्या बढ़कर 24206 हो गई। 2012 के आंकड़ों का जिक्र करें तो राज्यों में मध्यप्रदेश में बलात्कार के सर्वाधिक 3406 मामले रिकार्ड किये गए जबकि साक्षर माने जाने वाले राज्य पश्चिमी बंगाल का इस बदनामी के आंकड़े के हिसाब से दूसरा स्थान रहा जहां 2363 बलात्कार के मामले दर्ज किये गए। इसके बाद बलात्कार सर्वाधिक मामले उत्तरप्रदेश और राजस्थान में रहे। रिकार्ड के हिसाब से उनका संख्या क्रमश: 2042 और 1800 रही।
केंद्र शासित राज्य दिल्ली में 507 मामले तथा मुंबई में 117 मामले रिकार्ड हुए। 1911 में बच्चों के अपहरण और बलात्कार के कुल 9398 मामले सामने आए। ब्यूरो के अनुसार देश मेंं 1953 से बलात्कार के मामलों में 749 फीसदी वृद्धि हुई है।
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार बलात्कार की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। 1971 में बलात्कार के कुल 2043 मामले रिकार्ड किये गए थे जबकि 2011 में इनकी संख्या बढ़कर 24206 हो गई। 2012 के आंकड़ों का जिक्र करें तो राज्यों में मध्यप्रदेश में बलात्कार के सर्वाधिक 3406 मामले रिकार्ड किये गए जबकि साक्षर माने जाने वाले राज्य पश्चिमी बंगाल का इस बदनामी के आंकड़े के हिसाब से दूसरा स्थान रहा जहां 2363 बलात्कार के मामले दर्ज किये गए। इसके बाद बलात्कार सर्वाधिक मामले उत्तरप्रदेश और राजस्थान में रहे। रिकार्ड के हिसाब से उनका संख्या क्रमश: 2042 और 1800 रही।
केंद्र शासित राज्य दिल्ली में 507 मामले तथा मुंबई में 117 मामले रिकार्ड हुए। 1911 में बच्चों के अपहरण और बलात्कार के कुल 9398 मामले सामने आए। ब्यूरो के अनुसार देश मेंं 1953 से बलात्कार के मामलों में 749 फीसदी वृद्धि हुई है।
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