Thursday, October 22, 2009

हादसे से सबक लें

भोपाल का प्रतिष्ठित नानके पेट्रोल पंप गत दिवस आग की लपटों में जलकर स्वाहा हो गया। यह घटना इतने आकस्मिक रूप से घटी कि देखते ही देखते यह पेट्रोल पंप राख के ढेर में तब्दील हो गया और कोई भी युक्ति इस अनहोनी को टाल नहीं सकी। यह आग इतनी भयावह थी कि इसमें पेट्रोल टैंक के साथ ही लगभग आधा दर्जन वाहन भी जल गए और आधा दर्जन फायर ब्रिगेड पौन घंटे तक जूझने के बाद ही इस आग पर काबू पा सके। गनीमत यह रही कि इस आग से पेट्रोल पंप के आसपास के आवासों तथा उनमें रहने वाले लोगों को कोई क्षति नहीं पहुंची। लेकिन इस दुर्घटना ने यह सवाल उछाल दिया है कि क्या इस पेट्रोल पंप पर सुरक्षा के पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध थे और क्या भोपाल में पेट्रोल पंपों के लिए पर्याप्त सुरक्षा मानक पूरे किये गये हैं।जहां तक नानके पेट्रोल पंप में हुई अग्रि दुर्घटना का सवाल है, यह तो व्यापक जांच के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन फिर भी शुरुआती जानकारी के अनुसार इसमें भी सुरक्षा के समुुचित प्रबंध नहीं थे। यह पंप अपनी गुणवत्ता के लिए कभी काफी प्रतिष्ठित रहा है लेकिन इस पंप में सुरक्षा के सिलसिले में खामियां थीं। पंप में जिस तरह से अर्थिंग की व्यवस्था होनी थी, वह नहीं की गई थी। व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो भोपाल में कमोवेश सभी पेट्रोल पंप असुरक्षित हैं क्योंकि इनकी सुरक्षा के मापदंड पूरे करने के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूरी की गई। मसलन पेट्रोल पंप बस्ती से थोड़ा दूर रहना चाहिए लेकिन भोपाल में जितने भी पेट्रोल पंप हैं उनमें से संभवत: इक्का दुक्का पेट्रोल पंपों में इस मापदंड का पालन किया गया है। इसी तरह पेट्रोल पंप पर किसी भी अग्रि दुर्घटना से निपटने के लिए वहां नौ किलोग्राम क्षमता के फोम वाले कम से कम 10 अग्रि शमन यंत्र मौजूद रहना चाहिए और इसके अलावा 50 लीटर फोम से भरी ट्राली की मौजूदगी भी सुरक्षा शर्तों में शामिल है लेकिन कभी भी इसकी छानबीन की जरूरत महसूस नहीं की जाती कि पेट्रोल पंपों के मालिक इन शर्तों का पालन कर रहे हैं या नहीं। जब प्रशासन ही इस बात की परवाह नहीं करता कि पेट्रोल पंपों में सुरक्षा शर्तों का पालन हो तो फिर पेट्रोल पंप संचालक भी इसमें स्वाभाविक रूप से ढील दे देते हैं हालांकि यह ढील उनके लिए कभी भी नुकसानदेह हो सकती है।नानके पेट्रोल पंप पर हुए हादसे को इस मामले में एक सबक के तौर पर लिया जाना चाहिए और प्रशासनिक अधिकारियों एवं पेट्रोल कंपनियों के अफसरों को विभिन्न पेट्रोल पंपों पर गहन छानबीन कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनमें किसी भी हादसे से निपटने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध हों और जो पंप संचालक इन सुरक्षा मापदंडों का पालन न करें उनका पेट्रोल पंप का लायसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाए क्योंकि उनकी लापरवाही कभी भी नागरिकों के जान माल के लिए खतरा बन सकती है।
-सर्वदमन पाठक

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