यह धारणा निर्मूल है कि थ्री ईडियट के लेखन के श्रेय को लेकर छिड़ी जंग फिल्म की पब्लिसिटी का हिस्सा है जिसका उद्देश्य बाक्स आफिस पर फिल्म की अधिक से अधिक कमाई सुनिश्चित करना है।आमिर खान, प्रमुख अभिनेता, थ्री ईडियट्स क्या आशय है उनका?
आमिर यह कहना चाहते हैं कि उक्त फिल्म दर्शकों को आकर्षित करने की अद्भुत क्षमता के कारण ही बाक्स आफिस पर अत्यधिक कमाई में सफल हो रही है। जहां तक चेतन भगत के उपन्यास पर इसके आधारित होने को लेकर उठे विवाद का सवाल है, यह महज एक संयोग ही है। यह चेतन भगत का खुद का पब्लिसिटी स्टंट है जिसने इस मामले को हवा दे दी है।
क्या सोचते हैं लोग?
फिल्म के रिलीज होने के साथ ही चेतन भगत का विवाद में कूद पडऩा कोई संयोग नहीं हो सकता क्योंकि उन्हें फिल्म प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा अनुबंधित कर चुके थे और चेतन भगत इस अनुबंध के दस लाख रुपए में से नौ लाख रुपए वे ले भी चुके हैं। चैनल पर चेतन भगत तथा विधु विनोद चोपड़ा के बीच जिस नाटकीय अंदाज में यह विवाद सामने आया उससे यही लगता है कि इस नाटक का बखूबी मंचन किया गया है जबकि चेतन भगत बार बार यही कह रहे हैं कि उन्हें चोपड़ा से कुछ भी नहीं चाहिए। यह पहला अवसर नहीं है जब फिल्म प्रसारित होने के ऐन पहले अथवा उसके आसपास ऐसे विवाद सामनेे आए हों और बाद में छानबीन करने पर यही तथ्य सामने आया कि इनमें से अधिकांश विवाद फिल्म की पब्लिसिटी के मकसद से छेड़े गए थे। अत: यदि भविष्य में यही निष्कर्ष निकले तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है। वैसे फिल्म के दर्शकों की निष्पक्ष राय यही है कि चेतन भगत के उपन्यास की पटकथा पर यह फिल्म काफी हद तक आधारित है और इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त श्रेय न दिया जाना उनके प्रति अन्याय ही है। लेकिन यदि वे अपेक्षानुरूप आक्रामक नहीं नजर आते तो फिर इससे लोगों को दाल में काला नजर आना स्वाभाविक ही है।
-सर्वदमन पाठक
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